सेकुलर बनाम कम्युनल

 आज देश में एक बहस छिड़ी हुई है की कौन सा व्यक्ति या कौन सी पार्टी सेकुलर है! और ये बहस वहा होती है जो अपने आप को सबसे बड़ा सेकुलर मानते है अर्थात इलेक्ट्रानिक मीडिया! आज की तारीख में जब भी टीवी ओन करो किसी न किसी चैनल पे सेकुलर बनाम कम्युनल की बहस होती हुयी मिल जाएगी !दोस्तो हमें कोई बताएगा की इन टीवी पर बहस करने वालो को कौन सी संस्था ने सेकुलर होने का प्रमाण दिया है !या कौन सी यूनिवर्सिटी सेकुलर होने का सर्टिफिकेट देती है ताकि इन टीवी में डिवेट करने वालो को बता सकू की आप पहले फला यूनिवर्सिटी से प्रमाण पत्र लाईये तो मै  आपको सेकुलर मानुगा !दोस्तों आज हिंदुस्तान की कोई ऐसा टीवी चैनल नहीं है जो अपने आप को सेकुलर कह सके।आज सेकूलर का मतलब होता है हिंदू धर्म को भला बुरा कहना।अगर आप जितना भला बुरा बोलेंगे हिंदू धर्म के बारे में आप उतने ही बड़े सेकूलर।आज कल की राजनीतिक पार्टियाँ सच से कोसो दूर चली गयी है।वो जान भूझ के सच को स्वीकार नहीं कर रहे है। जबकि वास्तविकता ये है की हम सच को जितनी देर से स्वीकार करेंगे हम देश का उतना ही ज़्यादा नुक़सान करेंगे। हमें वो दिन आज भी याद है जब हम अपने गाँव के करबला में तज़िया का मेला देखने जाते थे। उस ताज़िये के आगे पीछे नीम की डली ले के हम जैसे लोग रहते थे जो हिंदू धर्म को मानते थे । हमें ये स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है की पहले की तुलना में मैं अभी अपने धर्म के प्रति ज़्यादा झुका हुआ हू । उसका कारण ये नहीं है की मैं बहुत धार्मिक हू या कोई राजनीतिक पार्टी ने बोला इसलिए। उसका कारण ये है की हमारे समाज के वो दोस्त जो दूसरे धर्म से संबंध रखते थे समय आने पे अपने धर्म के प्रति कट्टर हो जाते है। जैसे हमें तो अल्लाह बोलने में कोई दिक़्क़त नहीं है परंतु उन्हें राम बोलने में दिक़्क़त है । हमें तज़िया उठाने में कोई दिक़्क़त नहीं है परंतु उन्हें कावड उठाने में दिक़्क़त है।हमें  मस्जिद में जाने से कोई दिक़्क़त नहीं है परंतु उन्हें मंदिर में जाने से दिक़्क़त है।यही सब देख के मेरा भी मन अपने धर्म के प्रति जयदा झुक गया।क्या है ना अपने भारत में सेकूलर होने का जब टेंडर निकला था तब शिर्फ हिंदुओ ने अप्लाई किया था। सो आज सेकूलर सिर्फ़ हिंदू ही है। रमज़ान में टोपी लगा के इफ़्तार देते बहुत से हिंदू नेता दिखेंगे परंतु नवरात्र में कन्यभोज देते एक भी मुस्लिम नेता नहीं मिलेगा।अगर हिंदू नेता इफ़्तार देगा और मुस्लिम नेता कन्या भोज तभी इस देश में सेक्युलरिज़म बचेगा ।वरना हिंदू इफ़्तार दे और मुस्लिम नेता कुछ ना करे तो इस टाइप सेक्युलरिज़म ज़्यादा दिन नहीं चलेगा।

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